Tuesday, April 23, 2024

Success story of gopesh

 Success Story: बिना कोचिंग के भरतपुर के गोपेश ने SSC CGL में हासिल की 237 वीं रैंक, ऐसे की तैयारी

गोपेेश अपने साथियों को संदेश देते हुए कहते हैं कि हमें मोबाइल का मात्र सदुपयोग पढ़ाई के लिए बढ़ाना चाहिए एवं स्टडी हमेशा बिना बोझ के करनी चाहिए.



   भरतपुर. कहते हैं जब इंसान कुछ करने की ठान लेता है तो वह जब तक नहीं थकता जब तक उसे मंजिल मिल ना जाए. ऐसा ही देखने को मिला है भरतपुर जिले के रुदावल कस्बे में जहां के गोपेश कुमार जांगिड़  ने मात्र 22 वर्ष की उम्र में एसएससी सीजीएल (SSC-CGL) में 237 वीं रैंक प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि उन्होने बिना किसी कोचिंग और मोबाइल (Coaching & Mobile) से दूर रहकर प्राप्त की है. जानकारी के मुताबिक गोपेश शुरुआत से ही पढ़ने में होशियार थे और कक्षा दसवीं में उनके गुरु ने बड़े अधिकारी बनने की भविष्यवाणी कर दी थी. इस उपलब्धि को लेकर गोपेश के परिजन बेहद खुश और उनके घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है.


बिना कोचिंग की पढ़ाई , सेल्फ स्टडी से मिली सफलता

    गोपेश कुमार ने बताया कि बिना कोचिंग के घर पर रहकर एसएससी सीजीएल में 237 वीं रैंक उन्होंने सेल्फ स्टडी (Self Study) से प्राप्त की है. उन्होंने बताया कि जब कोरोना काल था उस समय चारो तरफ हाहाकार मचा हु था.उस समय मैने पढ़ाई को हथियार बनाया. जब स्थिति सामान्य हुई तो परिजन कोचिंग की बोल रहे थे लेकिन मुझे अपनी सेल्फ स्टडी पर भरोसा था. इस दौरान मैने मोबाइल से खुद को दूर रखा और मोबाइल का उपयोग सिर्फ पढ़ाई मैटेरियल को लेकर किया. इस दौरान परिजनों के साथ-साथ बाहर के लोगों के मार्गदर्शन के चलते मुकाम को हासिल कर सका.


गुरु राजेंद्र गोयल ने 10 वीं क्लास में कर दी थी भविष्यवाणी

    गोपेश कुमार जांगिड़ के गुरु रहे राजेंद्र गोयल (Rajendra Goyal) ने दसवीं क्लास में ही गोपेश कुमार के लिए बड़ा अधिकारी बनने की भविष्यवाणी (Prediction) कर दी थी, वही राजेंद्र गोयल ने बताया कि गोपेश कुमार जांगिड़ की उनसे दसवीं क्लास में मुलाकात हुई थी, जिसके चलते गुरु राजेंद्र गोयल ने उन्हें सेल्फ मोटिवेशन का मंत्र दिया और जब तक मंजिल प्राप्त ना हो तब तक अनवरत मेहनत करने का ज्ञान दिया. वही गोपेश के परिजनों का कहना है कि बेटे की इस उपलब्धि पर हम बेहद खुश हैं और यह सब उसकी खुद की मेहनत और भगवान की कृपा से हुआ है. वह अपने साथियों को संदेश देते हुए कहते हैं कि हमें मोबाइल का मात्र सदुपयोग पढ़ाई के लिए बढ़ाना चाहिए एवं स्टडी हमेशा बिना बोझ के करनी चाहिए.

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